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Thursday, August 05, 2021

कुण्डलिया

ख़ुशहाली फैली रहे ,प्रेम बड़ा अनमोल
बेज़ुबान भी समझते, सदा प्रेम का मोल 
सदा प्रेम का मोल, नित्य ही ख़ुशी मनाते 
देख दिलों के दर्द, किसी को नहीं सताते 
कहे ‘किरन’ ये प्रेम, बड़ा ही प्यारा आली
ऐसा प्यारा भाव, फैलती है ख़ुशहाली ।।
      
  -किरन सिंह

Wednesday, June 23, 2021

कुंडलिया

खुद ही खुद को पोसना, गायें खुद यशगान
खुद ही तुर्रम खान हैं, खुद को कहें महान
खुद को कहें महान, निपट हैं वे अनजाने
कब खा जाएँ मात, काल की चाल न जाने 
फीकी जब हो शान, करेगी छवियाँ सतही
समझ गए जो बात, सीख लेंगे वे खुद ही।

-आभा खरे

कुंडलिया

कोरोना की सूचना, छिपती कब है यार
छुपम छुपाई खेलता,राही खाता मार
राही खाता मार,घड़ी अलबेली आई
कानूनन अपराध,कहें सब ही अब साईं
वाम भजे श्री राम,हुआ क्या बोलो टोना
नमन करें श्री आज,जयति जय हे कोरोना।
        
-निवेदिताश्री

Tuesday, February 09, 2021

वासन्ती ऋतु है खड़ी

वासन्ती ऋतु है खड़ी, दस्तक देती द्वार
जिसके आने की ख़बर, लायी मंद बयार
लायी मंद बयार, सुगंधों भरे कटोरे
दिए प्रकृति ने खोल, रंग के अनगिन बोरे
पीली चूनर ओढ़, धरा दुल्हन सी सजती
इतराया ऋतुराज, बाँध  पगड़ी वासन्ती।

-आभा खरे

Saturday, November 28, 2020

आनंद खरे

बुन्देलीया शान है, नाम ओरछा धाम,
वीरता की आन बान, राजा इसके राम।
राजा इसके राम, लीजिये फ़ूल आरती,
संस्कार व संस्कृति, यहाँ की फ़लती धरती।
हरदौल भैया को, ब्याह का प्रथम बुलौआ,
अपनों को न भूलें, कहें सब बुन्देलीया।

-आनंद खरे

विनीता तिवारी

चौड़ी सड़कें, गढ़, महल, रंग गुलाबी लाल 
जयपुर राजस्थान की, नगरी भव्य विशाल 
नगरी भव्य विशाल, लुभाए सबको हरपल
जंतर-मंतर, हवा महल, घूमर की हलचल
आन बान रजवाड़ी, सुर साधक की पौड़ी
सब मशहूर, कहूँ  मैं  करके छाती चौड़ी 

-विनीता तिवारी

अमित खरे

संप्रभुता में देश की, अंतर्हित अधिकार
सर्वधर्म समभाव है, संविधान अनुसार
संविधान अनुसार, धर्म निरपेक्ष नागरिक
सभी धर्म हैं श्रेष्ठ, भावना रहे मानसिक
रहे दया का भाव , परस्पर हो भावुकता
मानवता सर्वोच्य, तभी सच्ची संप्रभुता।

-अमित खरे

राय कूकणा

पानी बिन जीवन नहीं, कहते संत-सुजान
है अति-दोहन हो रहा, लें इसका संज्ञान
लें इसका संज्ञान, बने ये विपदा भारी
पा ले तू यदि नीर, पले ये कुदरत सारी
'राय कूकना' कहे, तुरत कर जुगत सयानी
बहे सदा जल-धार, कभी ना सिमटे पानी।।

-राय कूकणा
आस्ट्रेलिया

Wednesday, November 25, 2020

अर्चना सक्सेना

मन नहि कोई दुखाइए, भला नहीं यह काम
आह किसी की न लीजिए क्षमा न करते राम
क्षमा न करते राम, दीन को नहीं सताओ
छीन किसी का चैन, चैन तुम कैसे पाओ
दुखी अगर है कोइ, आह निकलेगी पल छिन
कैसे देगा दुआ, किसी का आहत हो मन
     
-अर्चना सक्सेना

सुधा राठौर

 दीया- बाती जब करें, आपस  में  परिहास
लथपथ  होकर  नेह से, बोली करे उजास
बोली करे उजास,  हवा  सँग  खेल रचाएँ
गहन  तिमिर पर खूब, तंज  के तीर चलाएँ
लेकिन आती भोर, लिये जब  दिन की पाती
हो जाते हैं  मौन, अचानक दीया- बाती

-सुधा राठौर

सोनम यादव

तीजों का त्यौहार है, छिडी जगत में जंग 
गोरी मन में है दुखी, हाथ बडा है तंग 
हाथ बडा है तंग, माल बाजार बंद सब
कैसे हो त्यौहार, घिरे आफत में अब सब
मन को करो उदास, भले झगड़ो या खीजो
सखियों के मन रंज, चली जाओ तुम तीजों

-सोनम यादव

विद्या चौहान

गौरैया  न  दिखे  कहीं, चली गई  अब दूर
छीना  उसके  ठाँव को, मानव कितना क्रूर
मानव  कितना  क्रूर, उजाड़े वन अमराई
लोभी  मन  मद चूर, समझे न पीर पराई
है  निसर्ग  की चाह, अजिर में हो पत छैया
मिले विटप को गाह, लौट आए गौरैया

-विद्या चौहान

सुधा राठौर

उकताहट  देने  लगा, जीवन  का  यह  दृश्य
बुझे-बुझे क़िरदार हैं, अभिनय कला अदृश्य
अभिनय  कला अदृश्य, पटकथा नहीं सुहाए
पटाक्षेप  संदिग्ध,  अंक  खिंचता  ही‌  जाए
कहे 'सुधा' दे  हर्ष, सुखद तब नई लिखावट
जब  निर्देशक जाग, मिटा  देगा उकताहट

-सुधा राठौर

सोनम यादव

समय आज नाजुक हुआ, छिड़ी जगत में जंग 
जनता है मन में दुखी, हाथ बडा है तंग 
हाथ बडा है तंग, काम धंधे सब चौपट 
कैसे हो निर्वाह, हो रही घर-घर खटपट 
चीन,पाक,नेपाल, सभी करते हैं संशय 
भारत का इकबाल, बढ़ रहा कठिन है समय 

-सोनम यादव

सोनम यादव

 जिला गाजियाबाद का, है यूपी में नाम 
जैसे इसके काम हैं, वैसे इसके दाम 
वैसे इसके दाम, सभी को ये ललचाए
एक बार जो आए, फिर न वापस जा पाए 
हो इकबाल बुलंद, ये बना रहे आबाद 
चर्चा में है देश के, जिला गाजियाबाद 

-सोनम यादव 

सोनम यादव

भारत का परचम रहे, लहराता अविराम 
विश्व पटल पर पूज्य हो, नित प्रति इसका नाम 
नित प्रति इसका नाम, रहे दुनिया में अब्ब्ल 
ज्ञान और विज्ञान रहें, आलोकित उज्ज्वल 
कीर्ति पताका करे, सदा दुश्मन को गारत 
ऊँचा हो सरनाम, हमेशा अपना भारत 

-सोनम यादव

सुधा राठौर

 नंगा पुतला चौक का, परिसर गांधीबाग
शहर नागपुर नाम है, नहीं कहीं पर नाग
नहीं कहीं पर नाग, थोक व्यापार यहाँ पर
कपड़े,बर्तन,धान्य, सभी कुछ मिले जहाँ पर
कहे 'सुधा' हुशियार, करे ग़र  कोई  दंगा
बिना पुलिस ही भीड़, उसे कर  देती  नंगा

-सुधा राठौर

मधु गोयल

बोली लखनऊ की बड़ी, मीठी पड़ती जान।
इसीलिए तो विश्व में, है इसकी पहचान।।
है इसकी पहचान, शहर ये बड़ा अजब है,
ऐतिहासिक स्थल भी, यहाँ के बहुत ग़ज़ब हैं।।
नृत्य-गीत-संगीत, कलाओं की रंगोली।
हिन्दू-मुस्लिम धर्म, यहाँ बोलें इक बोली।।

-मधु गोयल

ममता शर्मा

बैंगलोर जब आएँगे,  दर्शन को श्रीमान 
नंदी हिल्स घुमाएँगे, गाएँगे यक्ष-गान 
गाएँगे यक्ष-गान, प्लेनिटोरियम ले जाएँ 
सुरमई मौसम में, इडली-दोसा खिलवाएँ
लाल बाग की सैर, कराएँ जब फूलों में बौर
बिना बताए आइए, घूमने को बैंगलोर

-ममता शर्मा

अर्चना सक्सेना

 शहरों में इक शहर है, सुंदर नाम बरेली
जनमस्थली है मेरी, मेरी प्रिय सहेली
मेरी प्रिय सहेली, कितनी मधुर हैं यादें
सुरमे के वह गीत, कभी झुमके के वादे
बचपन की वह सखी, बात करते थे पहरों
कोइ मिला न ऐसा, घूमते शहरों शहरों
         
-अर्चना सक्सेना