कविता की पाठशाला
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व्योम के पार
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माहिया
Saturday, November 28, 2020
अमित खरे
संप्रभुता में देश की, अंतर्हित अधिकार
सर्वधर्म समभाव है, संविधान अनुसार
संविधान अनुसार, धर्म निरपेक्ष नागरिक
सभी धर्म हैं श्रेष्ठ, भावना रहे मानसिक
रहे दया का भाव , परस्पर हो भावुकता
मानवता सर्वोच्य, तभी सच्ची संप्रभुता।
-अमित खरे
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