कविता की पाठशाला
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हिंदी की सौ सर्वश्रेष्ठ प्रेम कविताएँ
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व्योम के पार
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माहिया
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प्रताप नारायण सिंह
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प्रताप नारायण सिंह
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Tuesday, June 08, 2021
दोहा
गरजें पर बरसें नहीं, सिर्फ जगाएँ आस।
ये चुनाव के मेघ हैं, इनका क्या विश्वास।।
-प्रताप नारायण सिंह
Thursday, June 03, 2021
दोहा
बापू तुम लटके रहो, दीवारों को थाम।
नमन तुम्हें कर, नित्य हम, करते 'अपना काम'।।
-प्रताप नारायण सिंह
Monday, May 10, 2021
दोहा
गौरैयों के झुण्ड सी, आतीं बारम्बार।
यादें हिय की शाख पर, गातीं मधुर मल्हार।।
-प्रताप नारायण सिंह
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