Tuesday, June 08, 2021

दोहा

गरजें पर बरसें नहीं, सिर्फ जगाएँ आस।
ये चुनाव के मेघ हैं, इनका क्या विश्वास।।

-प्रताप नारायण सिंह

2 comments:

डॉ. राय कूकणा, ऑस्ट्रेलिया said...

वाह, बहुत ख़ूब सिंह साहिब! 👏
- राय कूकणा, ऑस्ट्रेल्या

डॉ. राय कूकणा, ऑस्ट्रेलिया said...
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