कविता की पाठशाला
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व्योम के पार
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माहिया
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चित्रा गुप्ता
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Sunday, January 01, 2023
पक्षी चहके
पक्षी चहके
मुखरित सन्नाटा
वन ठहाका
-चित्रा गुप्ता
प्रेम का दीया
प्रेम का दीया
मानस में जलाया
बाँट के खाया
-चित्रा गुप्ता
Thursday, June 24, 2021
माहिया
तितली सी आती हो
रंग खुशी के तुम
घर में बिखराती हो
-चित्रा गुप्ता
Tuesday, June 08, 2021
दोहा
महानगर की गोद में, जा बैठा मज़दूर.
घरवालों को याद कर, रोता है मजबूर।
-चित्रा गुप्ता
सिंगापुर
Saturday, May 08, 2021
दोहा
चिड़िया चहकी ज़ोर से, जगमग हुई मुँडेर।
दाना- पानी देखकर, चुगती देर-सबेर।
-चित्रा गुप्ता,
सिंगापुर
Wednesday, November 25, 2020
नूतन वर्ष का अभिनंदन
इस पावन नूतन वर्ष का
हम करते हैं अभिनंदन
खिले-खिले से वन उपवन
देते सबको नव जीवन।
अशुभ अनुभवों को बुहारो
न करो अब कोई क्रंदन
पक्षी नापें आसमान को
धरती पर होता स्पंदन।
स्नेह धूप धरा पर छिटकी
अंकुरों का हुआ प्रस्फुरण
मुख मंडल पर आभा छाई
भीतर–बाहर खुशबू चंदन।
सूर्य की किरणें अलसाई
रुकी हैं जैसे उनकी धड़कन
ठिठुर–ठिठुर जो रात बिताते
दे दो कम्बल उनको तत्क्षण।
जल का थल का नभ का
करें आज मिलकर हम वंदन
इस पावन नूतन वर्ष का
हम करते हैं अभिनंदन।
-चित्रा गुप्ता
बेमिसाल है
बेमिसाल है
चितेरे की तूलिका
वन प्रांत में
-चित्रा गुप्ता
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