कविता की पाठशाला
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Saturday, December 31, 2022
कागा बैठ
कागा बैठ मुंडेर पर, काँव काँव चिल्लाय
आने वाला है अतिथि, पहले दे बतलाय।।
-रामकुमार माथुर
मन का पाखी
मन का पाखी नभ उड़ा, गाता गीत हज़ार.
सोन चिरैया ढूँढ़ती, बातें बारम्बार.
-सुरेश चौधरी
Thursday, July 07, 2022
दोहे
भाग दौड़ की ज़िंदगी, खूब कराए काम
नया वर्ष सबके लिए, ले आये आराम
-मनीष श्रीवास्तव
दोहे
वैचारिक मतभेद का, कर लें हम सम्मान
द्वेष मिटे नव वर्ष में, है बस ये अरमान
-मनीष श्रीवास्तव
Thursday, July 22, 2021
दोहा
दोहे लिख-लिख सब थके, बना न कोई काम,
मात्रा गिनना छोड़ कर, लय की डोरी थाम.
-डा० रेशमा हिंगोरानी
दोहा
भागा-भागा दिन फिरे, छाने पृथ्वी लोक।
सूर्य किरण अगवा हुई, बादल ने ली रोक।।
-त्रिलोचना कौर
Wednesday, July 21, 2021
दोहा
मौसम बदले करवटें, ऋतु ने बदली धार ।
बूँदों की ले पालकी, आये मेघकुमार ।।
-आभा खरे
दोहा
बहुत सताते तीज को, चन्द्रदेव हर बार!
बदला, करवाचौथ को, लेतीं लाखों नार!!
-संजय बिन्नाणी
Monday, June 28, 2021
दोहा
द्वारे पर मधुमालती, लहराती दिन रात।
खुश होतीं मधुमक्खियाँ, फूलों से कर बात।।
-किरन सिंह
Thursday, June 24, 2021
दोहा
झूमे भीगी टहनियाँ, बूँदें गायें गीत ।
कण-कण के आगोश में, वसुधा का मनमीत ।।
-अल्पा जीतेश तन्ना
दोहा
पोथी रट तोता हुआ, पिंजड़े में है बंद।
उड़ना भूला, रो पड़ा, बाहर बुद्धूचंद।।
-शेख़ शहज़ाद उस्मानी
Wednesday, June 23, 2021
दोहा
लाल फूल कचनार का, सेमल लाल पलास
औषधीय गुण पूर्ण हैं, मन हर्षित उल्हास
-अरुन शर्मा
अमेरिका
दोहा
निज तन का करते हवन, धरणी पुत्र किसान!
सर्वोपरि उपकार यह, सर्वोपरि यह दान !!
-आशुतोष कुमार
लंदन
Tuesday, June 15, 2021
दोहा
खाद बीज मँहगे सभी, फिर मौसम की मार
खेती अब तो हो गई, घाटे का व्यापार
-चन्द्रभान मैनवाल
दोहा
स्वप्न बीज बोये कृषक, सींचे उर भर आस।
सोना उपजा खेत में, दमके दृग उल्लास।।
-विद्या चौहान
Monday, June 14, 2021
दोहा
पटा हुआ खलिहान है, बच्चों में आह्लाद।
अबके पूड़ी खीर का, खूब मिलेगा स्वाद।।
-सुधा राठौर
Saturday, June 12, 2021
दोहा
बैलों की वे घंटियाँ, गोधूली की धूल।
जाने किसने छीन ली, चौपालों की हूल।।
-ममता शर्मा
दोहा
धान संग बोता कृषक, सपनों का संसार ।
बीज धरा से फूटकर, स्वप्न गढ़े आकार ।।
-ममता मिश्रा
नीदरलैंड्स
Friday, June 11, 2021
दोहा
निज तन का करते हवन, धरती पुत्र किसान!
सर्वोपरि उपकार यह, सर्वोपरि यह दान !!
-आशुतोष कुमार
लंदन
दोहा
खुरपी हंँसिया फावड़ा, कृषकों के हैं मीत।
बैलों के घुँघरू बने, जीवन का संगीत।।
-शिव मोहन सिंह 'शुभ्र'
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