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Sunday, May 09, 2021

दोहा

शिकन कभी देखी नही, मैंने माँ के माथ।
संकट में देती सदा, माँ ही मेरा साथ।।

 -डा०  मंजू यादव

दोहा

माँ के चरणों में बसे, जग के चारों धाम.
लेते हम भगवान से, पहले मांँ का नाम.

-डा सूरजमणि स्टेला कुजूर 

दोहा

अम्मा जी को अब चुभें,  ये पिपियाते मोर।
कोरोना के अपसगुन, दिखते चारों ओर।।

-शेख़ शहज़ाद उस्मानी


दोहा


माँ मुट्ठी भर धूप ले, करती नित नव भोर
भाग चला डर से तिमिर, उठा पूर्व से शोर।

-सुरेश चौधरी