कविता की पाठशाला
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व्योम के पार
कविता की पाठशाला
माहिया
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Thursday, July 07, 2022
हाइकु
हिमपात से
श्वेत हुई धरती
सूखे दरख़्त
-मनीष श्रीवास्तव
Wednesday, June 23, 2021
दोहा
लाल फूल कचनार का, सेमल लाल पलास
औषधीय गुण पूर्ण हैं, मन हर्षित उल्हास
-अरुन शर्मा
अमेरिका
हरे पेड़ों से
हरे पेड़ों से
झरा है रंग हरा
रँगी है धरा।
-अमिषा अनेजा
झुकीं डालियाँ
झुकीं डालियाँ
मिलने लगीं गले
नवागतों से
-आभा खरे
अंतिम मरु
अंतिम मरु
खड़े हैं, उस पार
अनंत तरु
-आभा खरे
नव पल्लव
नव पल्लव
पतझड़ ने बाँधे
लाव-लश्कर
-आभा खरे
माहिया
पेड़ों की बातों को
कोई तो समझे
उनके जज़्बातों को
-आलोक मिश्रा
माहिया
बागों में बूटे हैं
ओ मेरे साजन
दो नैना झूठे हैं
-ममता शर्मा
Tuesday, June 22, 2021
माहिया
पेड़ों की बातों को
कोई तो समझे
उनके जज़्बातों को
-आलोक मिश्रा
Tuesday, June 08, 2021
दोहा
रजनीगंधा खिल रही, महका है परिवेश।
झटक रही हैं टहनियाँ, अपने भीगे केश।।
-सुधा राठौर
Sunday, June 06, 2021
हाइकु
मेघ पाहुन
पेड़ रोकते द्वार
बारिश नेग
-निशा कोठारी
दोहा
फूल चमेली-सी हँसी, रंगत लाल पलास.
बदन लता मधुमालती, मधुर वचन मधुमास.
-अरुन शर्मा
अमेरिका
Friday, June 04, 2021
दोहा
लकड़ी तो है एक ही, भिन्न मगर व्यवहार
सीना ताने धनु खड़ा, शीश झुकाए डार ।
-आलोक मिश्रा
Thursday, June 03, 2021
दोहा
फूल खिले हैं यहाँ भी, सात समुन्दर पार.
लेकिन ये टेसू नहीं, ना सेमल, कचनार.
-मनीष पाण्डेय
दोहे
भूप फलों का आम है, अनुपम स्वा, प्रकार.
विविध भाँति व्यंजन बने, चटनी,शेक, अचार.
-सोनम यादव
दोहा
बूँदों का शॉवर लिया, पेड़ों ने भरपूर।
इठलाने टहनी लगी, पत्ते हैं मग़रूर।।
-सुधा राठौर
Tuesday, June 01, 2021
दोहा
चरक-संहिता ने किए, फूलों के गुणगान
सेमल टेसू को कहे, सभी गुणों की खान
-आर बी अग्रवाल
दोहा
लाल फूल कचनार का, सेमल लाल पलास
औषधीय गुण पूर्ण हैं, मन हर्षित उल्लास.
-अरुन शर्मा
अमेरिका
दोहा
झरती पाती ढाक की, तरुवर खड़ा उदास।
फुनगी पर चटकी कली, जागी जीवन आस।।
-विद्या चौहान
दोहा
पीपल-फुनगी पर खिले, नर्म,गुलाबी पात।
हो टहनी की गोद में, जैसे शिशु नवजात।।
-सुधा राठौर
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