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Saturday, May 27, 2023

बचपन रूठा जबसे

बचपन रूठा जबसे
निश्छल इक साथी
ढूँढे न मिला तबसे

-सुधा राठौर

माथे पर सलवट है

माथे पर सलवट है
चिन्ता के वश में
बापू की करवट है

-सुधा राठौर

सूरज से प्रीति करे

 सूरज से प्रीति करे
सूर्यमुखी इकटक
उसका ही दीद करे

-सुधा राठौर

गर फूलों से यारी

गर फूलों से यारी
सहनी पड़ती है
काँटों की दुश्वारी

-सुधा राठौर

कण्डे सुलगाती है

कण्डे सुलगाती है
सर्दी में माई
लिट्टी महकाती है

-सुधा राठौर

तू नीयत का खोटा

तू नीयत का खोटा
दल बदलू जैसे
बिन पैंदे का लोटा

-&सुधा राठौर

पीले सब पात झरे

पीले सब पात झरे
निर्वसना टेसू
फूलों की ओट धरे

-सुधा राठौर

जब बरखा धूप मिलें

जब बरखा धूप मिलें
नभ के मस्तक पर
सतरंगी धनक खिलें

-सुधा राठौर

अपना दुखड़ा रोना

अपना दुखड़ा रोना
ग़ैरों के आगे
क्योंकर दीदे खोना

-सुधा राठौर

Thursday, May 25, 2023

फिर से इस पतझर में

फिर से इस पतझर में
मौन रुदन उभरा
पत्तों की चर-मर में

-सुधा राठौर

Tuesday, January 24, 2023

अँखियों से बात करें

अँखियों से बात करे
सबके सम्मुख वो
अधरों पर मौन धरे

-सुधा राठौर

Sunday, January 01, 2023

इकजुटता है लानी

इकजुटता है लानी
बात किसी पे भी
ना हो खींचा तानी

-सुधा राठौर

इक लक्ष्य धरो मन में

इक लक्ष्य धरो मन में
पीछा करने का
उत्साह भरो तन में

-सुधा राठौर

जागो अब मत सोना

जागो अब मत सोना
तंद्रा में रहकर
ये बरस नहीं खोना

-सुधा राठौर

सूरज की डोली में

सूरज की डोली में
नूतन आशा हैं
किरणों की झोली में

-सुधा राठौर

वो लाँघ मकर आया

वो लाँघ मकर आया
दिन छोटे- छोटे 
रातें लम्बी लाया

-सुधा राठौर

Wednesday, June 23, 2021

माहिया

खेती सरसाई है
घट भर-भर पीवै
फिर भी न अघाई है

-सुधा राठौर

Tuesday, June 22, 2021

पत्तों पर लिखती है

पत्तों पर लिखती है
वर्षा की भाषा
बूँदों सी दिखती है

-सुधा राठौर

माहिया

सूरज पर पहरा है
मेघों से डरकर
उजियारा ठहरा है

-सुधा राठौर

Monday, June 21, 2021

माहिया

कारी बदरी छाई
बिजुरी की बोली
बरखा की अगुवाई

-सुधा राठौर