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Monday, June 21, 2021

माहिया

भँवरा तो आता है
गुमसुम कलियों का
घूँघट खुलवाता है 

-डा० जगदीश व्योम

Thursday, May 06, 2021

दोहा

ताल किनारे झाड़ियाँ, खड़ीं झुकाये माथ.
वनमुरगी कुछ खोजती, दो चूजों के साथ.

-डा० जगदीश व्योम

Tuesday, May 04, 2021

दोहा

सारस बैठा खेत में, सारसनी  के संग.
चोंच मिलाकर कर रहे, दोनों मीठी जंग.

-डा० जगदीश व्योम