सच्ची तथा चिरस्थायी साहित्यिक रचना वही है जो जीवन के तथ्यों, मूल सम्बधों तथा यथार्थ परिस्थतियों का कलात्मक ढंग से विश्लेषण कर मानव हिताय हो।डा ब्योम जी का दोहा जीवन को बारीकी से देखने, समझने तथा सुन्दर ढंग से चित्रित करता है।समय की जटिलताओं और विषमताओं के विरूध्द, आम आदमी के अटूट संघर्ष में आस्था जाग्रत करने वाला है।सजीव चित्रण के साथ वर्ग विशेष का प्रतिनिधित्व करता है।खतरे को कम आंकने और प्रतीकात्मक रूप को इंगित करता है ।आज जीने की शर्तें कितनी कठिन है और मौत कितनी आसान इस सच्चाई को भी चित्रित करता है।डा व्योम जी के दोहे में मानवीकरण, जीवंतता, जिजीविषाऔर, ममता,चुनौती,संघर्ष,मजबूरी सब कुछ है।कवि की पैनी पकड़, साफ दृष्टि और गहरी समझ से परिपुष्ट कथ्य।पाठक के मस्तिष्क को झकझोरता है।
5 comments:
बहुत सुंदर दोहा गुरु जी। दृश्य आँखों के सामने आ गया।
बहुत सुंदर दोहा सर🙏
सच्ची तथा चिरस्थायी साहित्यिक रचना वही है जो जीवन के तथ्यों, मूल सम्बधों तथा यथार्थ परिस्थतियों का कलात्मक ढंग से विश्लेषण कर मानव हिताय हो।डा ब्योम जी का दोहा जीवन को बारीकी से देखने, समझने तथा सुन्दर ढंग से चित्रित करता है।समय की जटिलताओं और विषमताओं के विरूध्द, आम आदमी के अटूट संघर्ष में आस्था जाग्रत करने वाला है।सजीव चित्रण के साथ वर्ग विशेष का प्रतिनिधित्व करता है।खतरे को कम आंकने और प्रतीकात्मक रूप को इंगित करता है ।आज जीने की शर्तें कितनी कठिन है और मौत कितनी आसान इस सच्चाई को भी चित्रित करता है।डा व्योम जी के दोहे में मानवीकरण, जीवंतता, जिजीविषाऔर, ममता,चुनौती,संघर्ष,मजबूरी सब कुछ है।कवि की पैनी पकड़, साफ दृष्टि और गहरी समझ से परिपुष्ट कथ्य।पाठक के मस्तिष्क को झकझोरता है।
बहुत
समसामयिक दोहा
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