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Thursday, May 25, 2023

बदरी ने भरमाया

बदरी ने भरमाया
धरती ने चाहा
लो चांद निकल आया

-अविनाश बागड़े

Sunday, January 01, 2023

कहीं सितार

कहीं सितार
बजे जलतरंग
पंछी मलंग

-अविनाश बागड़े


जल में पंछी

जल में पंछी
एक पाद आसन
मिले राशन

-अविनाश बागड़े

लंबी सी चोंच

लंबी सी चोंच
सोशल डिस्टेंसिंग
चुगते दाना

-अविनाश बागड़े

Wednesday, June 23, 2021

माहिया

शहरों ने काटा है
गाँवों को देखो
आपस में बाँटा है

-अविनाश बागड़े

Wednesday, November 25, 2020

शब्द पखेरू

 शब्द पखेरू
साकार है सम्मुख
जंगल बुक

-अविनाश बागड़े