कविता की पाठशाला
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व्योम के पार
कविता की पाठशाला
माहिया
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सुरंगमा यादव
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Wednesday, June 23, 2021
माहिया
नववर्ष मिला हमको
स्वप्न तराशे हम
खोये ना अवसर को।
-सुरंगमा यादव
माहिया
नववर्ष बहाना है
फिर पतझर मधुऋतु
जीवन में आना है ।
-सुरंगमा यादव
माहिया
नववर्ष मना लें हम
कुछ अपनी कह लें
औरों की सुन लें हम।
-सुरंगमा यादव
माहिया
नववर्ष निराला हो
जन-जन की पीड़ा
यह हरने वाला हो।
-सुरंगमा यादव
खंभे पे पंछी
खंभे पे पंछी
हाँफता पूछ रहा
छाँव का पता
-डा० सुरंगमा यादव
वन में कौन
वन में कौन
पंछियों को खिलाता
राजसी भोग
-डा० सुरंगमा यादव
डाल पे फल
डाल पे फल
रीझकर झपटा
लोलुप पंछी
-डा० सुरंगमा यादव
Tuesday, June 08, 2021
दोहा
धरती ज्वर में तप रही, मेघ पिया की आस।
जेठ सामने से हटे, बिखरे मिलन सुवास।।
-डा० सुरंगमा यादव
दोहा
धूप सयानी हो गयी, बचपन में ही खूब।
गर्मी की देखो हनक, सूखी जाये दूब।।
-सुरंगमा यादव
Thursday, May 06, 2021
हाइकु
एक ही दुआ
तूफ़ान भी गुजरे
छत भी बचे
-डा० सुरंगमा यादव
Saturday, November 28, 2020
माहिया
जीवन हो सुखदायी
साल नया आया
करने को अगुवाई
-डा० सुरंगमा यादव
Wednesday, November 25, 2020
वन में पंछी
वन में पंछी
डाल-डाल फुदकें
करें मन की
-सुरंगमा यादव
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