Sunday, May 09, 2021

दोहा


माँ मुट्ठी भर धूप ले, करती नित नव भोर
भाग चला डर से तिमिर, उठा पूर्व से शोर।

-सुरेश चौधरी 

2 comments:

शर्मिला said...

बहुत ही सुंदर दोहा है। शब्द मन को छू लेते हैं।

शर्मिला said...

बहुत ही सुंदर दोहा है। शब्द मन को छू लेते हैं।