Sunday, May 09, 2021

दोहा

अम्मा जी को अब चुभें,  ये पिपियाते मोर।
कोरोना के अपसगुन, दिखते चारों ओर।।

-शेख़ शहज़ाद उस्मानी


1 comment:

Lekhakwani : Sheikh Shahzad Usmani said...

हार्दिक आभार आदरणीय गुरुजी दोहाछंद के मेरे अभ्यास में से इस रचना को अनुमोदित और यहां स्थापित करने हेतु। मार्गदर्शन हेतु 'कविता की पाठशाला' वाट्सएप समूह को हार्दिक धन्यवाद।