Wednesday, November 25, 2020

नूतन वर्ष का अभिनंदन

इस पावन नूतन वर्ष का 
हम करते हैं अभिनंदन 
खिले-खिले से वन उपवन 
देते सबको नव जीवन।

अशुभ अनुभवों को बुहारो 
न करो अब कोई क्रंदन 
पक्षी नापें आसमान को 
धरती पर होता स्पंदन।
 
स्नेह धूप धरा पर छिटकी
अंकुरों का हुआ प्रस्फुरण 
मुख मंडल पर आभा छाई 
भीतर–बाहर खुशबू चंदन।
 
सूर्य की किरणें अलसाई 
रुकी हैं जैसे उनकी धड़कन 
ठिठुर–ठिठुर जो रात बिताते 
दे दो कम्बल उनको तत्क्षण।
 
जल का थल का नभ का 
करें आज मिलकर हम वंदन 
इस पावन नूतन वर्ष का 
हम करते हैं अभिनंदन।

-चित्रा गुप्ता

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