कविता की पाठशाला
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माहिया
Monday, May 10, 2021
दोहा
गौरैयों के झुण्ड सी, आतीं बारम्बार।
यादें हिय की शाख पर, गातीं मधुर मल्हार।।
-प्रताप नारायण सिंह
2 comments:
Madhu
said...
चातक की प्रकृति का बड़े सहज व सुंदर ढंग से वर्णन।
1:45 AM
Madhu
said...
लाजवाब!
1:47 AM
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2 comments:
चातक की प्रकृति का बड़े सहज व सुंदर ढंग से वर्णन।
लाजवाब!
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