कविता की पाठशाला
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माहिया
Saturday, November 28, 2020
आनंद खरे
बुन्देलीया शान है, नाम ओरछा धाम,
वीरता की आन बान, राजा इसके राम।
राजा इसके राम, लीजिये फ़ूल आरती,
संस्कार व संस्कृति, यहाँ की फ़लती धरती।
हरदौल भैया को, ब्याह का प्रथम बुलौआ,
अपनों को न भूलें, कहें सब बुन्देलीया।
-आनंद खरे
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