कविता की पाठशाला
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माहिया
Saturday, November 28, 2020
राय कूकणा
पानी बिन जीवन नहीं, कहते संत-सुजान
है अति-दोहन हो रहा, लें इसका संज्ञान
लें इसका संज्ञान, बने ये विपदा भारी
पा ले तू यदि नीर, पले ये कुदरत सारी
'राय कूकना' कहे, तुरत कर जुगत सयानी
बहे सदा जल-धार, कभी ना सिमटे पानी।।
-राय कूकणा
आस्ट्रेलिया
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