वासन्ती ऋतु है खड़ी, दस्तक देती द्वार
जिसके आने की ख़बर, लायी मंद बयार
लायी मंद बयार, सुगंधों भरे कटोरे
दिए प्रकृति ने खोल, रंग के अनगिन बोरे
पीली चूनर ओढ़, धरा दुल्हन सी सजती
इतराया ऋतुराज, बाँध पगड़ी वासन्ती।
जिसके आने की ख़बर, लायी मंद बयार
लायी मंद बयार, सुगंधों भरे कटोरे
दिए प्रकृति ने खोल, रंग के अनगिन बोरे
पीली चूनर ओढ़, धरा दुल्हन सी सजती
इतराया ऋतुराज, बाँध पगड़ी वासन्ती।
-आभा खरे
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