कविता की पाठशाला
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व्योम के पार
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माहिया
Thursday, August 05, 2021
कुण्डलिया
ख़ुशहाली फैली रहे ,प्रेम बड़ा अनमोल
बेज़ुबान भी समझते, सदा प्रेम का मोल
सदा प्रेम का मोल, नित्य ही ख़ुशी मनाते
देख दिलों के दर्द, किसी को नहीं सताते
कहे ‘किरन’ ये प्रेम, बड़ा ही प्यारा आली
ऐसा प्यारा भाव, फैलती है ख़ुशहाली ।।
-किरन सिंह
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