Wednesday, January 27, 2021

नया वर्ष आने को है

प्रकृति प्यारी 
पुनः आज फिर 
गीत नया गाने को है
सर्द हवा ने दस्तक दी है
नया वर्ष आने को है

बड़ा घना कोहरा था
उस पर
गहरे तम की छाया
दूर क्षितिज पर
दिखी लालिमा
फिर सूरज मुस्काया
कोहरे की छाती को 
चीर गुनगुनी धूप
आने को है
नया वर्ष आने को है

शुभ कदमों की 
आहट लेकर
नया वर्ष फिर आया
नयी उमंगें
नयी तरंगें
अपने साथ में लाया
उल्लास भरी 
सुख की यह घड़ी
द्वार खटकाने को है
नया वर्ष आने को है

घर महके 
मक्की रोटी और
सरसों साग सुगंध से 
माँ ने बनाया
गाजर हलवा
प्रीत प्यार की गन्ध से
मूँगफली रेवड़ी 
और गज़क
बाजारों में छाने को है
नया वर्ष आने को है

जन-जन यहाँ
सुखी हो और
सभी के घर उजियारा 
अंतस आलोकित
हो सबका
बहे प्रेम की धारा
नये वर्ष में
 नये हर्ष का
 गीत मधुर गाने को है
नया वर्ष आने को है

 -अर्चना सक्सेना

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