Thursday, January 28, 2021

आया है नववर्ष

आया है नववर्ष 
जुटे काफिले बहारों के
खिले मौसम त्यौहारों के। 

सरसों फूली, पल्लव महके 
कलियाँ चटकी, भँवरे चहके 
गाया मधुरम गान 
झुके मस्तक अँधियारों के 
खिले मौसम त्यौहारों के। 

मुख कमल खिले दहके पलाश 
मन मधुप मिले महके उजास 
छाया है उत्कर्ष 
लुटे तूफान उजारों के 
खिले मौसम त्यौहारों के। 

नव दीप जले विज्ञान तले 
पूरब से पश्चिम आन मिले 
फलित हुआ संघर्ष 
दिखे हैं फलक सितारों के 
खिले मौसम त्यौहारों के। 

-सोनम यादव

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