कविता की पाठशाला
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माहिया
Wednesday, December 02, 2020
आभा खरे
भाए सबको आजकल , सूरज का बर्ताव।
मध्यम इसकी चाल है , नरम धूप का भाव।।
नरम धूप का भाव , कहे स्वागत है सर्दी।
आया अगहन मास , ठंड की पहने वर्दी।।
हवा लगे बेदर्द , शूल सी चुभती जाए।
कुहरे को दे मात , सभी को सूरज भाए।।
-आभा खरे
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