Wednesday, November 25, 2020

रामबली मिश्र

चलो साथ चलते रहो, हो सुंदर संवाद
लेकर अंतिम श्वांस को, हों सब खत्म विवाद
हों सब खत्म विवाद, न मन में  हो कुछ शंका
रहें प्रेम से लोग, बजे अब सुख का डंका
कह मिश्रा कविराय, मनुजता के वश रह लो
करते सबसे प्रेम, राह पकड़ इक चल चलो

-डॉ०रामबली मिश्र 

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