पल-पल छिन-छिन आने वाले
सपनों का आभार
जगाये उम्मीदें सौ बार
कुछ सपने जो बचपन वाले
कुछ सपने जो गोरे काले
कुछ सपनों ने नींद उड़ाई
कुछ सपने जो उलझन डाले
इंद्र धनुष की लिए अर्गला
सप्त रंग के द्वार
जगाये उम्मीदें सौ...
जिन सपनों ने नैना खोले
जिन सपनों ने नव रस घोले
ठंडी छाँव लिए छंदों की
जिन सपनों से अंतस डोले
चिर साहित्य साधना के सुर
गीतों की बौछार
जगाये उम्मीदें सौ ...
नित निज मन में भाव जगाएँ
पीड़ाओं से ताल मिलाएँ
सुर संगम की प्यास लिए उर
अश्रु कलश अँखियाँ ढलकाएँ
नवगीतों की सरस कामना
लेती है आकार
जगाये उम्मीदें सौ ...
सरिता नदी समंदर होना
इन सपनों का जादू टोना
प्रीति रीति अरु हार जीत सॅंग
हृदय पटल पर अंकुर बोना
छंद सवैया गीत माहियों
की होगी गुंजार
जगाती उम्मीदें सौ ...
-सोनम यादव
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