Monday, June 21, 2021

माहिया

बरखा तुम! कल आना
बीत रही घड़ियाँ
पी से मिलने जाना

-विद्या चौहान

1 comment:

अमित खरे said...

बहुत सुन्दर माहिया, विद्या जी।