Sunday, June 06, 2021

दोहा

ललछौंहा मनभावना, बाल-अरुण सुकुमार।
पइयाँ-पइयाँ चल पड़ा, खोल पूरबी द्वार।।

-सुधा राठौर

3 comments:

डॉ. राय कूकणा, ऑस्ट्रेलिया said...

वाह सुधा जी, अति सुन्दर छवि, बाल अरुण के चाल की! 💐
- राय कूकणा, ऑस्ट्रेल्या

डॉ. राय कूकणा, ऑस्ट्रेलिया said...

वाह सुधा जी, अति सुन्दर छवि, बाल अरुण के चाल की! 💐
- राय कूकणा, ऑस्ट्रेल्या

डॉ. राय कूकणा, ऑस्ट्रेलिया said...

वाह सुधा जी, अति सुन्दर छवि, बाल अरुण के चाल की! 💐
- राय कूकणा, ऑस्ट्रेल्या