कविता की पाठशाला
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व्योम के पार
कविता की पाठशाला
माहिया
Wednesday, May 19, 2021
दोहा
बाहर भीतर एक सा, रखे सरल जो भाव.
उसे जगत में कभी भी, रहता नहीं अभाव.
-संतोष भाऊवाला
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