Wednesday, May 05, 2021

दोहा

पीपल, बड़, सागौन अरु, कटहल, चीकू छाँव.
कटे पंख इस भीड़ में, याद आ रहे गाँव ।।

-ममता शर्मा

1 comment:

Santosh Bhauwala said...

ममता जी, अति उत्तम दोहा,
बधाई आपको और व्योम जी को भी जिनकी छत्र छाया में हम सब सीख रहे हैं