कविता की पाठशाला
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व्योम के पार
कविता की पाठशाला
माहिया
Monday, May 03, 2021
दोहा
धोखेबाजी में निपुण, रहे ध्यान में लीन।
छद्म भगत बगुला बने, खाए चुन चुन मीन।।
-जयंती कुमारी
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