Wednesday, November 25, 2020

रमा द्विवेदी

कठिन स्थिति
खोज लेते फिर भी
भूख का हल

-डा० रमा द्विवेदी

सारी प्रकृति
उनका आशियाना
पूंजी इतनी

-डा० रमा द्विवेदी


भरें उड़ान 
तौल रहे हैं देखो
परों की जान 

-डा० रमा द्विवेदी


जाति अनेक
मिलकर रहते
नहीं है भेद

-डा० रमा द्विवेदी

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