Thursday, January 28, 2021

नए बरस में जब तुम जागो

नए बरस में जब तुम जागो
द्वारे खोलो, देहरी लांघो 
पीछे छोड़ो सब विपदाएँ 
नव ऊर्जा का कुछ प्रण पालो 

मातृभूमि का पूजन कर लो 
हर भरे कुछ पेड़ लगा लो 
बैठ चिरैया गाना गाए 
ऐसा घर में ठौर बना लो 

जल ही जीवन है दुनिया में
बूँद-बूँद की कीमत जानो
आने वाली पीढ़ी पर तुम 
जल संकट का भार न डालो 

जिस संकट में आज खड़े हो 
नए बरस में उसे मिटाओ 
कष्टभरे दिन फिर ना आयें 
ऐसी कोई युक्ति सुझाओ 

साँस तंग हों, नित्य जंग हो 
हवा प्रदूषणयुक्त संग हो 
इन सबसे बचने की खातिर
संग प्रकृति का अब अपना लो 

-ममता मिश्रा 
नीदरलैंड्स

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