आँखों में हो सपने
साथ हों कुछ अपने
जीने का नया राग हो
ऐसा नया साल हो
सिर पर हो आसमान
पांवों के नीचे ज़मीन
सजन तू मेरे साथ हो
ऐसा नया साल हो
हर शाख पर कलियाँ खिलें
हर बाग में नयी बहार हो
हर सांस सलीके से चले
ऐसा नया साल हो
बच्चों की मुस्कान खिले
बूढ़ों का सम्मान हो
खुशी की किलकारियां गूंजे
ऐसा नया साल हो
-रीमा दीवान चड्ढा
No comments:
Post a Comment