कविता की पाठशाला
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माहिया
Wednesday, November 25, 2020
मंजू यादव
वंदन गुरु का कीजिए, जो देते हैं ज्ञान
बाधा होती दूर सब, राह बने आसान
राह बने आसान, सदा मंजिल को पाते
जग में हो पहचान, सभी अपने हो जाते
'मंजू' यह सम्मान, लगे माथे ज्यों चंदन
मानें गुरु उपकार, करें उनका हम वंदन
-डॉ० मंजू यादव
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