Wednesday, November 25, 2020

कुंडलिया

दावानल से जूझता,काला हुआ वितान
विगत  फैली हरियाली,देखो बना श्मशान
देखो बना श्मशान, जलती संपदा सारी
जूझ रहा हर जीव,मची है हाहाकारी
कारण मानव स्वार्थ,या प्रकृति का हालाहल
है अगन अभी प्रखर, कैसे बुझे दावानल

-अचला झा

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