कविता की पाठशाला
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व्योम के पार
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माहिया
Wednesday, November 25, 2020
योगेन्द्र वर्मा
देखी तेरी हैसियत, देखी तेरी शान
माटी में ही जा मिला,.माटी का इन्सान
माटी का इन्सान,मौत जी भर के हँसती
होगा बड़ा मकान, देह मटकी में रहती
बन सच्चा इंसानन,बघारे क्यों तू शेखी
छोड़ अहम् अभिमान,करे क्यों देखा देखी
-योगेन्द्र वर्मा
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